नृसिंह जयंती भगवान नृसिंह के दिव्य स्वरूप का प्रतीक है, जो भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं, जो आधे-सिंह, आधे-पुरुष के रूप में हैं। यह दिन भगवान नरसिम्हा द्वारा प्रतिकूलताओं और बुराई के खिलाफ प्रदान की जाने वाली दिव्य सुरक्षा के लिए हिंदू समुदाय में बहुत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यहां, हम नृसिंह जयंती से जुड़ी समृद्ध पौराणिक कथाओं, 2024 की तारीख, समारोह और अनुष्ठानों और इस पवित्र दिन को मनाने के कई गुना लाभों के बारे मै बता रहे हैं।
भगवान नृसिंह की हिंदू पौराणिक कथा
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान नृसिंह अपने भक्त अनुयायी प्रह्लाद को उसके राक्षस पिता हिरण्यकशिपु से बचाने के लिए नृसिंह जयंती पर गोधूलि (संध्या) के दौरान प्रकट हुए थे। हिरण्यकश्यप को वरदान था कि उसे दिन या रात के दौरान, घर के अंदर या बाहर, किसी आदमी या जानवर द्वारा नहीं मारा जा सकता था, लेकिन भगवान नृसिंह ने अपने अद्वितीय रूप में, इन बाधाओं पर काबू पा लिया। भगवान नृसिंह को अन्याय के खिलाफ दैवीय क्रोध के प्रतीक और संकट में भक्तों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है।
नृसिंह जयंती 2024 तारीख और समारोह
2024 में नरसिम्हा जयंती गुरुवार, 23 मई को को मनाई जाएगी । भक्त व्रत रखकर, पूजा करके और भगवान नरसिम्हा को समर्पित मंत्रों का जाप करके मनाते हैं। मंदिरों में भगवान के प्रकट होने के जीवंत अभिनय होते हैं, और भक्त उनके प्रकट होने के क्षण को मनाने के लिए शाम की प्रार्थना के लिए इकट्ठा होते हैं।
नृसिंह जयंती: महत्व एवं लाभ
ऐसा माना जाता है कि नरसिम्हा जयंती मनाने से बाधाएं दूर होती हैं और अशुभ प्रभावों से रक्षा होती है। भक्त स्वास्थ्य, समृद्धि और अपने आसपास की बुरी शक्तियों के विनाश के लिए भगवान नरसिम्हा का आशीर्वाद मांगते हैं। यह आध्यात्मिक कायाकल्प और ईश्वरीय न्याय में विश्वास की पुनः पुष्टि का दिन है।
नृसिंह जयंती: अनुष्ठान और मंत्र
उपवास (व्रत): भक्त नरसिम्हा जयंती के दिन सूर्योदय से लेकर अगली सुबह तक उपवास करते हैं, सूर्योदय के बाद उपवास तोड़ते हैं।
पूजा और आरती: घर और मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। अनुष्ठान में भगवान नरसिम्हा की मूर्ति पर फूल, मिठाइयाँ और अभिषेकम (पवित्र स्नान) चढ़ाना शामिल है।
मंत्रों का जाप: शाम के समय ‘नरसिम्हा मूल मंत्र‘ और ‘नरसिम्हा गायत्री मंत्र‘ का जाप विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है।
नृसिंह जयंती व्रत कथा
इस दिन सुनाई जाने वाली व्रत कथा में प्रह्लाद को बचाने के लिए भगवान नरसिम्हा के प्रकट होने की कहानी शामिल है, जिसमें प्रतिकूल परिस्थितियों पर विजय पाने वाली भक्ति और अन्याय के सामने दैवीय हस्तक्षेप के विषयों पर जोर दिया गया है।
श्री नरसिंह चालीसा
Narsingh Chalisa
Narasimha Mantra
नृसिंह मंत्र